

शास्त्र कटु औषधि के समान अविद्यारूप व्याधि का नाश करता है। काव्य आनंददायक अमृत के समान अज्ञान रूप रोग का नाश करता है।

दुःखी व्यक्तियों के पास आशा ही एकमात्र औषधि होती है।


शास्त्र कटु औषधि के समान अविद्यारूप व्याधि का नाश करता है। काव्य आनंददायक अमृत के समान अज्ञान रूप रोग का नाश करता है।
दुःखी व्यक्तियों के पास आशा ही एकमात्र औषधि होती है।