अपभ्रंश पर काव्य खंड

अपभ्रंश शब्द पतन, विकृति,

बिगाड़ आदि का अर्थमूलक है। आधुनिक भाषाओं के उदय से पहले उत्तर भारत में प्रचलित बोलचाल और काव्य की भाषा को अपरिष्कृत भाषा के रूप में देखते हुए संस्कृत वैयाकरणों द्वारा इसे ‘अपभ्रंश’ नाम दिया गया था।

पाहुड़ दोहा-18

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-19

मुनि रामसिंह

पाहु़ड़ दोहा-22

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-20

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-9

मुनि रामसिंह

राउलवेल

रोडा कवि

पाहुड़ दोहा-21

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-7

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-12

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-8

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-11

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-4

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-5

मुनि रामसिंह

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए