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जयशंकर प्रसाद के 10 प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

जयशंकर प्रसाद के 10

प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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प्रेम महान है, प्रेम उदार है। प्रेमियों को भी वह उदार और महान बनाता है। प्रेम का मुख्य अर्थ है—‘आत्मत्याग’।

जयशंकर प्रसाद

जीवन विश्व की संपत्ति है। प्रमाद से, क्षणिक आवेश से, या दुःख की कठिनाइयों से उसे नष्ट करना ठीक तो नहीं।

जयशंकर प्रसाद

परिवर्तन ही सृष्टि है, जीवन है। स्थिर होना मृत्यु है, निश्चेष्ट शांति मरण है।

जयशंकर प्रसाद

ऐसा जीवन तो विडंबना है, जिसके लिए रात-दिन लड़ना पड़े!

जयशंकर प्रसाद

सहनशील होना अच्छी बात है, पर अन्याय का विरोध करना उससे भी उत्तम है।

जयशंकर प्रसाद

जीवन का सत्य है—प्रसन्नता।

जयशंकर प्रसाद

जो अपने कर्मों को ईश्वर का कर्म समझकर करता है, वही ईश्वर का अवतार है।

जयशंकर प्रसाद

ऐश्वर्य का मदिरा-विलास किसे स्थिर रहने देता है!

जयशंकर प्रसाद

जीवन लालसाओं से बना हुआ सुंदर चित्र है। उसका रंग छीनकर उसे रेखा-चित्र बना देने से मुझे संतोष नहीं होगा।

जयशंकर प्रसाद

संसार भी बड़ा प्रपंचमय यंत्र है। वह अपनी मनोहरता पर आप ही मुग्ध रहता है।

जयशंकर प्रसाद

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere