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उद्धरण

उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।

1933 -2004

सुप्रसिद्ध अमेरिकी लेखिका, निबंधकार, सांस्कृतिक आलोचक, विचारक और फ़िल्ममेकर।

1533 -1599

मराठी संत, तत्त्वज्ञ और कवि। विट्ठल के भक्त। वारकरी आंदोलन में योगदान।

1608

महाराष्ट्र के संत कवि। भक्ति के अभंग पदों के लिए प्रसिद्ध।

1812 -1904

19वीं शताब्दी के सुप्रसिद्ध स्कॉटिश लेखक और समाज सुधारक। 'सेल्फ़-हेल्प' कृति के लिए उल्लेखनीय।

1900 -1977

छायावाद के आधार स्तंभों में से एक। 'प्रकृति के सुकुमार' कवि। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

1945

सुप्रसिद्ध हास्य कवि।

1881 -1931

आधुनिक पंजाबी-काव्य के प्रमुख कवि। द्विवेदी युग के श्रेष्ठ निबंधकार। 'मज़दूरी और प्रेम' निबंध के लिए उल्लेखनीय।

1875 -1950

'लौह पुरुष' के रूप में समादृत स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता। देश के राजनीतिक एकीकरण में प्रमुख योगदान।

1483 -1563

ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय अष्टछाप कवि। वात्सल्य रस के सम्राट।

1896 -1961

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार। महाप्राण नाम से विख्यात।

1888 -1975

भारत के पूर्व-राष्ट्रपति, दार्शनिक, शिक्षाविद् और राजनयिक। भारत रत्न से सम्मानित।

वज्रयानी सिद्ध। हिंदी के प्रथम कवि। सरह, सरहपाद, शरहस्तपाद, सरोजवज्र जैसे नामों से भी चर्चित।

1942

अत्यंत प्रतिष्ठित और प्रशंसित कथाकार व नाटककार। 'मैंने मांडू नहीं देखा' और 'कोर्टमार्शल' बहुचर्चित पुस्तकें। असमय अलक्षित।

अपभ्रंश भाषा के 'वाल्मीकि'। रामकाव्य 'पउमचरिउ' से चर्चित।

1963 -1902

आध्यात्मिक गुरु, विचारक और समाज सुधारक। पश्चिम में वेदांत और योग के प्रसार में योगदान।

1956

सफल उद्यमी और लेखक।

1975

ब्रिटिश लेखिका। उनके उपन्यास 'ऑर्बिटल' के लिए 2024 का बुकर पुरस्कार।

1963

‘कर्मनाशा’ कविता-संग्रह के कवि। बतौर अनुवादक भी उल्लेखनीय।

1908 -1986

सुप्रसिद्ध नारीवादी दार्शनिक, लेखिका और सामाजिक विचारक। 'द सेकंड सेक्स' कृति के लिए उल्लेखनीय।

1909 -1943

फ़्रांसीसी दार्शनिक, रहस्यवादी और राजनीतिक कार्यकर्ता। मानव पीड़ा, ईश्वर, न्याय और आत्म-बलिदान के विचारों पर केंद्रित कृतियों के लिए उल्लेखनीय।

1895 -1963

द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।

1898 -1963

20वीं शताब्दी के सुप्रसिद्ध लेखक, ईसाई दार्शनिक और आलोचक। 'द क्रॉनिकल्स ऑफ नार्निया' सीरीज़ के लिए लोकप्रिय।

ग्रीक त्रासदी के तीन महानतम नाटककारों में से एक। 'ओडीपस रेक्स', 'एंटिगनी', 'इलेक्ट्रा' आदि नाट्य-कृतियों के लिए उल्लेखनीय।