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सैमुअल बटलर

1835 - 1902

सैमुअल बटलर के उद्धरण

जीवन तो अपर्याप्त आधार वाक्यों से पर्याप्त परिणामों को निकालने की कला है।

आस्तिक और नास्तिक उनमें इसी बात पर लड़ाई है। कि ईश्वर को ईश्वर कहा जाए या कोई दूसरा नाम दिया जाए।

कला का इतिहास पुनः प्रवर्तनों का इतिहास है।

जीवन थक जाने की एक लंबी प्रक्रिया है।

आराम से मरने में बहुत पैसा लगता है।

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