sant piipaa's Photo'

संत पीपा

1359 - 1420 | झालावाड़, राजस्थान

संत पीपा के दोहे

14
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

उठ भाग्यो वाराणसी, न्हायो गंग हजार।

पीपा वे जन उत्तम घणा, जिण राम कयो इकबार॥

सगुण मीठौ खांड सौ, निरगुण कड़वौ नीम।

पीपा गुरु जो परसदे, निरभ्रम होकर जीम॥

पीपा पाप कीजिये, अलगौ रहिये आप।

करणी जासी आपणी, कुण बैटौ कुण बाप॥

जीव मारि जीमण कर, खाताँ करै बखाण।

पीपा परतखि देखि ले, थांली माँहि मसाण॥

हाथाँ सो उधम करै, मुख सों उचरे नाम।

पीपा साधां रो धरम, रोम रमारे राम॥

पीपा भजतां राम ने, बस तेरस अर तीज।

भूमि पड्यां ही ऊगसी, उल्टो पल्टो बीज॥

पग धोऊ उण देव का, जो घालि गुरु घाट।

पीपा तिनकू ना गिणूं, जिणरे मठ अर ठाठ॥

सुआरथ के सब मीत रे, पग-पग विपद बढ़ाय।

पीपा गुरु उपदेश बिनुं, साँच जान्यो जाय॥

नमूं तो गुरु अर राम कुँ, भव इतराते पार।

पीपा नमें आन कुँ, सुवारथ रो संसार॥

राम नाम जियां जाणिया, पकड़ गुरु की धार।

पीपा पल में परसिया, खुलग्यो मुक्ति द्वार॥

पीपा माया सब कथी, माया तो अणतोल।

कयां राम के नेहड़े, कयां राम के पोल॥

पीपा कहत विचार हिरदै, राम सरिस नहिं आन।

जा सूँ कृपा उपजै हिरदै, विशद विवेक सुजान॥

स्वारथ के सब ही सगा, जिनसो विपद जाय।

पीपा गुरु उपदेश बिनु, राम जान्यो जाय॥

पीपा पी पथ निरखता, आँखा झाँई पड़ी।

अभी पी अडग अलख लखूँ, अडिकूं घड़ी-घड़ी॥

निज को जो चाहे सुखी, हुवो चहै दुख हीन।

तो भज ले श्रीराम को, पीपा रहै दीन॥

साँच मंत्र तो राम भज, और सभी कुछ कूड़।

पीपा वेद पुराण पढूं, क्यों बन्यो रहे मूढ॥

कुंजा ज्यों कुरल्या करै, बिरही जणा को जीव।

पेपा आगि बुझ सके, जब लग मिले पीव॥

पीपा राम प्रताप ते, सागर जल के माँह।

पत्थर तिरे तरूपांत ज्यूँ, नर की बातें कांह॥

स्वामी होणौ सहज है, दुर्लभ होणौं दास।

पीपा हरि के नाम बिन, कटै जम की फाँस॥

सतगुरु जी री खोहड़ी, लागी म्हारे अंग।

पीपा जुड़ग्या पी लगन, टूटी भरम तरंग॥

पीपा हरि प्रसाद तें, पायो ज्ञान अनंत।

भव सागर ने पार कर, दुख को आयो अंत॥

सुमिरण साँचो छोड़ के, अंतर मन ही होय।

पीपा तन सुध बिसरे, प्रेम छलै कोय॥

निज सुत को माता पिता, करे भलो उपदेस।

पीपा एकल राम बिनु, मिटै जग रौ क्लेस॥

पीपा के पिंजरि बस्यो, रामानंद को रूप।

सबै अंधेरा मिटि गया, देख्या रतन अनूप॥

लघुता प्रभुता जो गिणै, गुरु से विनसे भरम।

सत सबद ने राखलूँ, पीपा सिख रो धरम॥

पीपा हरि सो गुरु बिना, होत सबद विवेक।

ज्ञान रहित अज्ञान सुत, कठिन कुमन की टेक॥

उग्यो बिरहा जिण हिवरे, रोमां माइन राम।

चातक ज्यूं पी नै रटै, पीपा आठहुँ धाम॥

पीपा भज श्रीराम को, परिहर अखिल विचार।

आजस तज या मनुज तनु, क्यों गिरता संसार॥

साँचा साँई परचिया, सतगुरु संत सहार।

पीपा प्रणवै वाहि को, जो सबको करतार॥

राम नाम सुमरत भये, रंक बँक बजरंग।

ध्रुव प्रह्लाद गीधगज, तजकुल को परसंग॥

पीपा देर कीजिये, भज लीजे हरि नाम।

कुण जाणै क्या होवसी, छूट जाएँगे प्रान॥

पीपा देख विचार हिय, है यह मतो प्रवीन।

समचित रह संसार में, राम रसायन लीन॥

पीपा माया नागणी, मन में धरौ बिसाल।

जिन जिन दूध परोसियो, उण रो करियो नास॥

माला मणका क्या गिनूं, यह तो सुमरण धाम।

पीपा को हरि सुमरै, पीपा सुमरे राम॥

बण्यो बणायो रहे सदा, काटत है नहिं शूल।

अरुण वरुण क्या काम को, बास बिना को फूल॥

पीपा मन हरख्यौं फिरै, समझे नहीं गंवार।

राम बिना जाणै नहीं, पावाँ तणा पहार॥

भलौ बुरौ सब एक है, जाके आदि अंत।

जगहित जो हरि को सैवये, पीपा सोई संत॥

जातां भव मझधार में, आयौ दुख रो अंत।

पीपा गुरु परसाद ते, पायो पिया अनंत॥

पीपा गुरु हरि एक है, इणमां भेद भूल।

जै इण में अंतर करै, तिन के हिरदै सूल॥

भजत दुख मोचन करण, हरण सफल जंजाल।

पीपा क्यों नहिं भजत नर, निस दिन राम कपाल॥

जिणरो रूप रंग अंग, करण मरण अर जीव।

रंग बास बन ज्यों रमै, अस पीपे को जीव॥

पीपा जिनके मन कपट, तन पर ऊजरौ भेस।

तिन को मुख कारौ करो, संत जनां का लेख॥

पीपा माया नारी परहरै, चित तूं धरै उतारि।

ते नर गोरखनाथ ज्यूँ, अमर भया संसारि॥

पीपा दास कहाबो कठिन है, मन नहिं छांड़े मानि।

सतगुरू सूँ परचौ नही, कलियुग लागौ कानि॥

सतगुरू साँचो जोहरी, परसे ज्ञान कसौट।

पीपा सुधो करे, दे अणभौरी चोट॥

पीपा थौड़े अंतरै, घणी बिगूती लोई।

महामाई मान्या घणा, तार यौ नाहीं कोई॥

पीपा पारस परसताँ, लोहा कंचन होई।

सिद्ध के कांठे बैसताँ, साधक भी सिद्ध होई॥

पीपा सिख दे जगत कूं, काठे सब रो बाँक।

पेख्या पलक उघाड़ कै, अपणौ अंतर झाँक॥

पीपा मणको काठ रो, बीच पिरोवे सूत।

सुमरणी निरदोषणी, के रण हार कपूत॥

पीपा परनारी परतखि छुरी, बिरला बंचै कोई।

नाँ पेटि संचारिऐ, सो सेना की होई॥

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए