राजस्थान के रचनाकार
कुल: 86
हरिराम मीणा
- जन्म : सवाई माधोपुर
आदिवासी-संवेदना और सरोकारों को अभिव्यक्ति देने वाले हिंदी कवि-लेखक।
- निवास : गलताजी
भक्तिकालीन संत। कृष्णदास पयहारी के शिष्य और नाभादास के गुरु। रसिक संप्रदाय के संस्थापक। शृंगार और दास्यभाव की रचनाओं के लिए स्मरणीय।
सवाई सिंह शेखावत
‘निज कवि धातु बचाई मैंने’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।
सूर्यमल्ल मिश्रण
- जन्म : बूंदी
हाडा नरेश राव रामसिंह के दरबारी कवि। बूँदी राज्य के इतिहास ग्रंथ ‘वंश भास्कर’ से ख्याति प्राप्त।
सुमेर सिंह राठौड़
नई पीढ़ी के कवि। गद्य-लेखन और फ़ोटोग्राफ़ी में भी सक्रिय।
संत लालदास
भक्तिकाल। संत गद्दन चिश्ती के शिष्य। लालदासी संप्रदाय के प्रवर्तक। मेवात क्षेत्र में धार्मिक पुनर्जागरण के पुरोधा।
संत रामचरण
श्री रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणी में प्रखर तेज। महती साधना, अनुभूति की स्वच्छता और भावों की सहज गरिमा के संत कवि।
संत दरिया (मारवाड़ वाले)
भक्तिकाल के निर्गुण संतकवि। वाणियों में प्रेम, विरह, और ब्रह्म की साधना के गहरे अनुभव। जनश्रुतियों में संत दादू के अवतार।
संजीव मिश्र
‘मिले बस इतना ही’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। कम आयु में दिवंगत।
शिव कुमार गांधी
धीमे-धीमे, लेकिन अपनी धुन में रहने-रचने वाले हिंदी के अनूठे कवि-लेखक-कलाकार।
विनोद पदरज
- जन्म : सवाई माधोपुर
- निवास : सवाई माधोपुर
नवें दशक में उभरे कवि। लोकधर्मी से चेतना से संपन्न।
विजया सिंह
हिंदी और अँग्रेज़ी दोनों में लेखन। सिनेमा में रुचि, शोध और निर्माण।
रसिकबिहारी
- जन्म : किशनगढ़
वास्तविक नाम ‘बनी-ठनी’। कविता में शृंगार का पुट। नायिका-भेद के लिए स्मरणीय।
रीतिकाल के सरस-सहृदय आचार्य कवि। कविता की विषयवस्तु भक्ति और रीति। रीतिग्रंथ परंपरा में काव्य-दोषों के वर्णन के लिए समादृत नाम।
रति सक्सेना
- जन्म : उदयपुर
- निवास : तिरुवनंतपुरम
सुपरिचित कवयित्री। अनुवादक और शोध-कार्य में भी सक्रिय।
मनीषा कुलश्रेष्ठ
इस सदी में सामने आईं हिंदी की प्रमुख कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।
- जन्म : लखनऊ
रीतिबद्ध कवि। नायिकाभेद के अंतर्गत प्रेमक्रीड़ा की सुंदर कल्पनाओं के लिए प्रसिद्ध।
पीयूष दईया
सुपरिचित कवि-लेखक और संपादक। कहन की नई शैली के लिए उल्लेखनीय।
प्रभात
- जन्म : करौली
- निवास : सवाई माधोपुर
इस सदी के दूसरे दशक में ठीक से पहचाने गए हिंदी के बेहद महत्त्वपूर्ण कवि-लेखक। बच्चों के लिए भी लेखन।
प्रतापबाला
- निवास : जोधपुर
जोधपुर की महारानी। परिजनों की अकालमृत्यु के कारण असार संसार से विरक्त होकर कृष्ण-भक्ति में लीन हुईं और भक्ति के सरस पदों की रचना की।
प्रताप कुंवरि बाई
रीतिकाल की भक्त कवयित्री। कविता में परंपरागत आदर्श का निरूपण।
पृथ्वीराज राठौड़
- जन्म : बीकानेर
बीकानेर नरेश के भाई और अकबर के दरबारी कवि। वीररस की कविताओं के लिए प्रसिद्ध।