
महज संस्कृत में कुछ लिख देने से कोई वाक्य शास्त्र-वाक्य नहीं बन जाता।
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पतंजलि के महाभाष्य से पता चलता है कि पाणिनि अत्यंत बुद्धिशाली आचार्य थे।
महज संस्कृत में कुछ लिख देने से कोई वाक्य शास्त्र-वाक्य नहीं बन जाता।
पतंजलि के महाभाष्य से पता चलता है कि पाणिनि अत्यंत बुद्धिशाली आचार्य थे।