Font by Mehr Nastaliq Web

ग़रीबी पर गीत

ग़रीबी बुनियादी आवश्यकताओं

के अभाव की स्थिति है। कविता जब भी मानव मात्र के पक्ष में खड़ी होगी, उसकी बुनियादी आवश्यकताएँ और आकांक्षाएँ हमेशा कविता के केंद्र में होंगी। प्रस्तुत है ग़रीब और ग़रीबी पर संवाद रचती कविताओं का यह चयन।

गिरवी खेत

विनम्र सेन सिंह

उदासी

विनम्र सेन सिंह

बैल बिना घर जिसका टूटा

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’

हमारी देह का तपना

विनोद श्रीवास्तव

अनाथ

गोपालशरण सिंह

भिखारिनी

गोपालशरण सिंह

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए