
आलसी सोने वाले मनुष्य को दरिद्रता प्राप्त होती है तथा कार्य-कुशल मनुष्य निश्चय ही अभीष्ट फल पाकर ऐश्वर्य का उपभोग करता है।

दक्षता से आत्मविश्वास बढ़ता है; रफ़्तार उसे और बढाती है। पढ़ने की मामले में यह बात एक सीमा के बाद सच नहीं लगती।
आलसी सोने वाले मनुष्य को दरिद्रता प्राप्त होती है तथा कार्य-कुशल मनुष्य निश्चय ही अभीष्ट फल पाकर ऐश्वर्य का उपभोग करता है।
दक्षता से आत्मविश्वास बढ़ता है; रफ़्तार उसे और बढाती है। पढ़ने की मामले में यह बात एक सीमा के बाद सच नहीं लगती।