विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण
विद्याधर सूरजप्रसाद
नैपाल के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण


अगर किसी लेखक को सब पता हो जो होने जा रहा है, तो उसकी पुस्तक उसके शुरू करने से पहले ही मर जाएगी।
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एक लेखक की जीवनी में—या यहाँ तक कि उसकी आत्मकथा में भी—हमेशा अपूर्णता रहेगी।
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हमें हमेशा स्थिति की सच्चाई देखने की कोशिश करनी चाहिए, इससे हम चीज़ों को सार्वभौमिक बना सकते हैं।
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जिस सभ्यता ने दुनिया भर पर क़ब्ज़ा किया हो, उसे मरती हुई सभ्यता नहीं कहा जा सकता।
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कुछ भावनाएँ वर्षों की दूरी ख़त्म कर देती हैं और असंभव स्थानों को जोड़ देती हैं।
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere