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विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

विद्याधर सूरजप्रसाद

नैपाल के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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यह महत्वपूर्ण है कि लोगों पर बहुत अधिक भरोसा किया जाए।

वी. एस. नायपॉल

अगर किसी लेखक को सब पता हो जो होने जा रहा है, तो उसकी पुस्तक उसके शुरू करने से पहले ही मर जाएगी।

वी. एस. नायपॉल

एक लेखक की जीवनी में—या यहाँ तक कि उसकी आत्मकथा में भी—हमेशा अपूर्णता रहेगी।

वी. एस. नायपॉल

अगर लेखक बैठकर बस दमन के बारे में बात करते रहेंगे, तो वे ज़्यादा लिख नहीं पाएँगे।

वी. एस. नायपॉल

मेरे बारे में जो कुछ भी मायने रखता है, सब मेरी किताबों में है।

वी. एस. नायपॉल

हम वास्तव में केवल उस झूठ के लिए दंडित होते हैं, जिसे हम स्वयं बताते हैं।

वी. एस. नायपॉल

हमें हमेशा स्थिति की सच्चाई देखने की कोशिश करनी चाहिए, इससे हम चीज़ों को सार्वभौमिक बना सकते हैं।

वी. एस. नायपॉल

जिस सभ्यता ने दुनिया भर पर क़ब्ज़ा किया हो, उसे मरती हुई सभ्यता नहीं कहा जा सकता।

वी. एस. नायपॉल

जो सरकार अपने क़ानून तोड़ देती है, वह आपको भी आसानी से तोड़ सकती है।

वी. एस. नायपॉल

मैं जानता था कि मुझे कहाँ जाना है। मैंने सही दरवाज़ा खटखटाया।

वी. एस. नायपॉल

खंडहरों में होने से हमारा समय-बोध गड़बड़ा जाता है।

वी. एस. नायपॉल

मेरा जीवन छोटा है। मैं घिसी-पिटी बातें नहीं सुन सकता।

वी. एस. नायपॉल

मैं कहता हूँ कि मैं अपनी किताबों का निचोड़ हूँ।

वी. एस. नायपॉल

लेखकों को लोगों को असहमति के लिए उकसाना चाहिए।

वी. एस. नायपॉल

कुछ भावनाएँ वर्षों की दूरी ख़त्म कर देती हैं और असंभव स्थानों को जोड़ देती हैं।

वी. एस. नायपॉल

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere