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ओउज़ अताय के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

ओउज़ अताय के प्रसिद्ध

और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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हमारा सारा सौंदर्य जिए हुए और सोचे हुए के बीच के दुखद अंतर्विरोध की छवि है।

ओउज़ अताय

…प्यार करना, अधूरी रह गई किताब को जारी रखने जैसा आसान काम नहीं था।

ओउज़ अताय

किसी वजह से हम फ़ोटो लेते समय भी मुस्कुराने के लिए बाध्य महसूस करते हैं। हम वहाँ भी ख़ुशी का खेल खेल रहे होते हैं।

ओउज़ अताय

जीवन का कोई पूर्वाभ्यास नहीं है जो अनुभव किया है उसे तो दुबारा जीना संभव है और ही उसे मिटाना संभव है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि प्यार पहली बार नहीं, बल्कि आख़िरी बार करना चाहिए।

ओउज़ अताय

पहली शर्म कितनी प्यारी होती है, हालाँकि लोग इसे अक्षमता मान जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश करते हैं। वह इस जादू की बर्फ़ को तोड़ने के लिए अपनी पूरी ताक़त से कोशिश करते हैं।

ओउज़ अताय

मैं जो उसे लिखता हूँ, उसे उसके अलावा हर कोई पढ़ता है।

ओउज़ अताय

तुम्हें मुझे समझना होगा, क्योंकि मैं कोई किताब नहीं हूँ। इसलिए मेरे मरने के बाद मुझे कोई नहीं पढ़ सकता, मुझे जीते जी ही समझना होगा।

ओउज़ अताय

लोग सिक्के की तरह हैं। उनके दो पहलू होते हैं—चित्त या पट्ट। एक पहलू वह दिखाते हैं और दूसरा हमें समय दिखाएगा।

ओउज़ अताय

जो मुझे समझेगा वो मुझे वहीं ढूँढ़ लेगा जहाँ मैं बैठा हूँ।

ओउज़ अताय

यदि तुम मुझे एक दिन भूल जाओगे, यदि तुम मुझे एक दिन छोड़ ही दोगे तो मुझे यूँ थकाओ मत। मुझे मेरे कोने से बेवजह बाहर मत निकालो।

ओउज़ अताय

हर कोई आसानी से अपनी याददाश्त या ख़राब याददाश्त के बारे में शिकायत करता है, लेकिन वे कभी भी अपनी बुद्धिमत्ता के बारे में शिकायत नहीं करते हैं। वह नहीं जानते कि स्मृति भी बुद्धि का ही एक हिस्सा है।

ओउज़ अताय

मुझे किसी की ज़िंदगी रास आई और कोई ऐसी ज़िंदगी भी नहीं मिली जो मेरे लायक़ होती।

ओउज़ अताय

मेरे जीवन में मेरी रबड़ हमेशा मेरी पेंसिल से पहले ख़त्म हो जाती है, क्योंकि मैंने अपनी सच्चाइयाँ लिखने के बजाय उन्हें रख लिया और दूसरों की गलतियाँ मिटा दीं।

ओउज़ अताय

मेरे जीवन की शुरुआत और अंत तो स्पष्ट थे, मुझे बस बीच के हिस्से पर क़ाबू पाना था।

ओउज़ अताय

मानव-विकास नाम की कोई चीज़ नहीं है। उसे बस अपनी ख़ामियों की आदत हो जाती है, बस इतना ही है।

ओउज़ अताय

मैं किताब पढ़ पाने के ख़याल से डरता हूँ।

ओउज़ अताय

शहर मुझसे होकर गुज़रते हैं।

ओउज़ अताय

जिस भी चीज़ का पीछा करें, अंत में हम ख़ुद को पाते हैं।

ओउज़ अताय