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अलेक्ज़ेंडर पोप

1688 - 1744 | लंदन

अँग्रेज़ी प्रबोधन युग के प्रमुख कवि, व्यंग्यकार और अनुवादक। 'एन एसे ऑन क्रिटिसिज़्म', 'द रेप ऑफ द लॉक', 'द डनसियाड', 'एन एसे ऑन मैन' जैसी कृतियों की रचना और होमर के 'एलिअड' व 'ओडिसी' के अनुवाद के लिए उल्लेखनीय।

अँग्रेज़ी प्रबोधन युग के प्रमुख कवि, व्यंग्यकार और अनुवादक। 'एन एसे ऑन क्रिटिसिज़्म', 'द रेप ऑफ द लॉक', 'द डनसियाड', 'एन एसे ऑन मैन' जैसी कृतियों की रचना और होमर के 'एलिअड' व 'ओडिसी' के अनुवाद के लिए उल्लेखनीय।

अलेक्ज़ेंडर पोप के उद्धरण

सच्ची मित्रता के नियम इस सूत्र में अभिव्यक्त हैं- आने वाले अतिथि का स्वागत करो और जाने वाले अतिथि को जल्दी विदा करो।

अल्प ज्ञान ख़तरनाक वस्तु है।

जैसे-जैसे हम ज्ञान पाते हैं, हम अपने पिताओं को मूर्ख समझते हैं। निस्संदेह हमारे अधिक बुद्धिमान पुत्र हमें भी ऐसा ही समझेंगे।

जो भी किसी निर्दोष कृति को देखना चाहता है, वह ऐसी वस्तु की बात सोचता है जो तो कभी थी, है और कभी होगी।

भूल करना मानवीय है, क्षमा करना दैवी है।

अनुचित प्रशंसा प्रच्छन्न अपकीर्ति ही है।

ईमानदार मनुष्य ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है।

मूर्ख वहाँ दौड़कर जाते हैं जहाँ देवदूत चलने में भय खाते हैं।

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