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रचनाकार

कुल: 2483

समादृत आलोचक, निबंधकार, साहित्य-इतिहासकार, कोशकार और अनुवादक। हिंदी साहित्य के इतिहास और आलोचना को व्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिए प्रतिष्ठित।

समादृत कवि-कथाकार-अनुवादक और संपादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

समादृत फ्रेंच दार्शनिक और लेखक। विसंगतिवाद में योगदान। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कनाडाई कथाकार-साहित्यकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

महान उर्दू शायर एवं पाकिस्तान के राष्ट्र-क़वि जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ' के अतिरिक्त 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' जैसे गीत की रचना की

कन्नड़ गीति-काव्य के समादृत कवि। नवोदय आंदोलन से संबद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

सूफ़ी संत, संगीतकार, इतिहासकार और भाषाविद। हज़रत निज़ामुद्दीन के शिष्य और खड़ी बोली हिंदी के पहले कवि। ‘हिंदवी’ शब्द के पुरस्कर्ता।

पंजाबी की लोकप्रिय कवयित्री-लेखिका। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

आत्मकथात्मक और समाजशास्त्रीय लेखन के लिए प्रसिद्ध फ्रेंच लेखिका। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत मार्क्सवादी विचारक, सांस्कृतिक सिद्धांतकार, भाषाविद और लेखक। 'सांस्कृतिक वर्चस्व' के सिद्धांत के लिए उल्लेखनीय।

स्पैनिश भाषा के विश्व-विख्यात कवि।

दक्षिण भारत के समादृत योगी, दार्शनिक और संस्कृत काव्यशास्त्री। शिव अद्वैत में योगदान।

अरस्तु

384 BC - 322 BC

प्राचीन यूनान के महान दार्शनिक और बहुविद्। 'पश्चिमी दर्शन के जनक' के रूप में समादृत।

सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी।

समादृत बांग्ला उपन्यासकार और कवयित्री। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

बौद्ध दार्शनिक, नाटककार, कवि, संगीतकार और उपदेशक। 'बुद्धचरित' और सौंदरानंद' जैसी कृतियों के लिए उल्लेखनीय।

हिंदी-संस्कृत के विद्वान्, साहित्य-इतिहासकार, निबंधकार और समालोचक। हिंदी में संस्कृत साहित्य पर चिंतन के लिए उल्लेखनीय।

भारतेंदुयुगीन प्रमुख निबंधकार, गद्यकार और पत्रकार। गद्य-कविता के जनक और ‘प्रदीप’ पत्रिका के संपादक के रूप में समादृत।

7वीं सदी के सुप्रसिद्ध संस्कृत कवि-लेखक। 'हर्षचरित' और कादंबरी' के लिए उल्लेखनीय।

मराठी के समादृत कवि-लेखक और समालोचक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।

समादृत संस्कृति कवि और नीतिकार। 'शतकत्रय', 'वाक्यपदीय', 'महाभाष्यटीका', 'वाक्यपदीयवृत्ति', 'शब्दधातुसमीक्षा' जैसी कृतियों के रूप में योगदान।

रीतिबद्ध के आचार्य कवि। काव्यांग-निरूपण में सिरमौर। शृंगार-निरूपण के अतिरिक्त नीति-निरूपण के लिए भी उल्लेखनीय।

रीतिसिद्ध कवि। ‘सतसई’ से चर्चित। कल्पना की मधुरता, अलंकार योजना और सुंदर भाव-व्यंजना के लिए स्मरणीय।

असमिया के समादृत उपन्यासकार, पत्रकार और संपादक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

नॉर्वेजियन लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

बोधा

1767 - 1806

रीतिमुक्त काव्य-धारा के कवि। प्रेम-मार्ग के निरूपण और ‘प्रेम की पीर’ की व्यंजना में निपुण।

समादृत रूसी कवि-लेखक-अनुवादक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत सूफ़ी संत, पंजाबी कवि, दार्शनिक और समाज-सुधारक।

तेलुगु के समादृत कवि-लेखक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

प्राचीन भारत के महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधान सलाहकार और गुरु।

हिंदी के प्रथम महाकवि। वीरगाथा काल से संबद्ध। ‘पृथ्वीराज रासो’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

सशक्त गद्यकार और चिंतक। 'उसने कहा था' जैसी कालजयी कहानी के रचनाकार। 'समालोचक' पत्रिका के संपादक और नागरी प्रचारिणी सभा के संपादकों में से एक। पांडित्यपूर्ण हास और अर्थ वक्र शैली के लिए विख्यात।

विक्टोरियन युग के अत्यंत लोकप्रिय अँग्रेज़ी उपन्यासकार, पत्रकार और सामाजिक समालोचक। अपने जीवंत पात्रों और सामाजिक आलोचना के लिए उल्लेखनीय।

समादृत उपन्यासकार और कथाकार। ऐतिहासिक प्रसंगों के प्रयोग के लिए उल्लेखनीय।

रीतिकाव्य की अखंड परंपरा के आरंभिक कवि। ललित-सानुप्रास भाषा और मनोहर वर्णन प्रणाली का निर्वहन करने वाले कवि के रूप में ख्यात।

समादृत पोलिश कवि, गद्यकार, निबंधकार और अनुवादक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत अँग्रेज़ी उपन्यासकार, कथाकार, कवि और निबंधकार। चर्चित कृति ‘लेडी चैटरलीज़ लवर’ के लिए उल्लेखनीय।

भक्तिकाल के निर्गुण संत। दादूपंथ के संस्थापक। ग़रीबदास, सुंदरदास, रज्जब और बखना के गुरु। राजस्थान के कबीर।

समादृत गुजराती कवि, संपादक और समाज-सुधारक। 'मिथ्याभिमान' कृति के लिए उल्लेखनीय।