रचनाकार

कुल: 1495

भक्तिकाल के अलक्षित कवि।

कन्नड़ भाषा के युग कवि और राष्ट्रकवि के रूप में समादृत। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

चिश्ती संप्रदाय के संत शेख़ बुरहान के शिष्य। जौनपुर के बादशाह हुसैनशाह के आश्रित। प्रेम में त्याग और कष्टों के सुंदर वर्णन के लिए उल्लेखनीय।

मराठी के समादृत और अत्यंत लोकप्रिय कवि-नाटककार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

सुपरिचित डोगरी कवि। 'घर' शीर्षक लंबी कविता के लिए उल्लेखनीय। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

लोकप्रिय गीतकार। काव्य की लगभग सभी विधाओं में सक्रिय।

सुपरिचित ओड़िया कवयित्री, सामाजिक कार्यकर्ता और चिकित्सक। रहस्यवादी कविताओं के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित ओड़िया कवि-लेखक। आत्मकथा ‘मो कहाणी’ के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। गोस्वामी वल्लभदास के शिष्य। मधुर भाव की भक्ति के लिए स्मरणीय।

हिंदी के अत्यंत लोकप्रिय कवि-गीतकार।

सुपरिचित कवि-पत्रकार। 'विलाप नहीं' चर्चित कविता-संग्रह।

पेशे से पत्रकार, होम्योपैथ और मूलत: कवि। छह कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-आलोचक।

सुपरिचित कवि। ‘लहू में लोहा’ शीर्षक से पहला कविता-संग्रह वर्ष 2022 में प्रकाशित।

सुपरिचित कवि-लेखक और संपादक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के सुपरिचित कवि-लेखक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

रीतिकालीन कवि। साहित्य शास्त्र के प्रौढ़ निरूपण के लिए विख्यात।

सुपरिचित डोगरी कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के लेखक और पत्रकार।

सुपरिचित कवि-पत्रकार। 'बिन जिया जीवन' शीर्षक से कविताओं की एक किताब प्रकाशित।

आधुनिक युग के सुप्रसिद्ध ललित-निबंधकार। भारतीय सांस्कृतिक चिंतन में योगदान।

आठवें दशक के कवि। अनौपचारिक रूप से जन संस्कृति मंच से संबद्ध रहे।

ओड़िया के सुपरिचित कवि-निबंधकार और समालोचक।

‘पाइक कबी’ के रूप में प्रसिद्ध ओड़िया कवि-गीतकार।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। गोस्वामी वल्लभदास के शिष्य। राधा-कृष्ण की शृंगार-भावना से सिक्त पदों के लिए विख्यात।

नवें दशक में सामने आए हिंदी कवि। मैथिली में भी लेखन।

समादृत कहानीकार। साहित्य अकादेमी और भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

सन् 1950 से कविता सीखने-लिखने की शुरुआत। पहले ख़ुद को प्रगतिशील माना, फिर इस प्रकार के विशेषणों से मुक्त हुए। 'यह कैसी दुर्धर्ष चेतना' कविताओं की एकमात्र किताब।

सुपरिचित कवि और गद्यकार। ‘एक शराबी की सूक्तियाँ’ के लिए लोकप्रिय।

रीतिकालीन कवि। वीरकाव्य के रचयिता।

समादृत साहित्यकार। विलक्षण कथाकारिता और डायरी-लेखन के लोकप्रिय।

रीतिकाल के नीतिकवि। हिंदी के पहले संबोधन काव्य के रचयिता। 'राजिया' को संबोधित सोरठों के लिए समादृत।

सुपरिचित तेलुगु कवि-लेखक-संपादक और स्वतंत्रता-सेनानी।

रीतिकालीन कृष्ण भक्त कवि।

प्रसिद्ध गीतकार।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ की कवयित्री। प्रसिद्ध साहित्यकार अजित कुमार की बहन।

केशव

1555 - 1617

भक्तिकाल और रीतिकाल के संधि कवि। काव्यांग निरूपण, उक्ति-वैचित्र्य और अलंकारप्रियता के लिए स्मरणीय। काव्य- संसार में ‘कठिन काव्य के प्रेत’ के रूप में प्रसिद्ध।

भक्तिकाल के संत कवि।

स्वतंत्रता-बाद के सुपरिचित व्यंग्यकार, हास्य-नाटककार और कवि। संगीत और कला-लेखन में भी योगदान।

नवें दशक के महत्त्वपूर्ण कवि। लोक-संवेदना और जन-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।

सुपरिचित कवि।

द्विवेदीयुगीन निबंधकार और अनुरचनाकर। विदेशी व्यक्तित्वों के जीवनी-लेखक के रूप में भी योगदान।

असमिया भाषा के सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कवि और गीतकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि। 'धरती होने का सुख' शीर्षक एक कविता-संग्रह चर्चित।

डोगरी कविता की प्रगतिशील धारा के स्तंभ कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

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