वाराणसी के रचनाकार
कुल: 48
भारतेंदु हरिश्चंद्र
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।
हजारी प्रसाद द्विवेदी
समादृत समालोचक, निबंधकार, उपन्यासकार और साहित्य-इतिहासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
जयशंकर प्रसाद
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार और नाटककार।
नामवर सिंह
अत्यंत समादृत भारतीय लेखक। हिंदी आलोचना के शीर्षस्थ आलोचक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
केशवप्रसाद सिंह
- जन्म : वाराणसी
द्विवेदीयुगीन निबंधकार और अनुरचनाकर। विदेशी व्यक्तित्वों के जीवनी-लेखक के रूप में भी योगदान।
राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद
- जन्म : वाराणसी
आरंभिक हिंदी गद्य के उन्नायक। नागरी लिपि के प्रयोग हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए उल्लेखनीय।
विनोदशंकर व्यास
- जन्म : वाराणसी
भोलाशंकर व्यास
ज्ञानेंद्रपति
आठवें दशक के प्रमुख कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
राय कृष्णदास
- जन्म : वाराणसी
प्रसादयुगीन महत्त्वपूर्ण कवि-गद्यकार-संपादक और कला-इतिहासकार। भारतीय कला आंदोलन में योगदान और गद्य-गीत के प्रणयन के लिए उल्लेखनीय।
रामनारायण मिश्र
नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापक सदस्य और सभापति। भारतेंदु युग में साहित्यिक योगदान के लिए उल्लेखनीय।
शिवप्रसाद सिंह
- जन्म : बनारस
शिवप्रसाद गुप्त
- जन्म : बनारस
साहित्यसेवी, पत्रकार और स्वतंत्रता-सेनानी। ‘आज’ समाचार-पत्र के प्रकाशन और ‘काशी विद्यापीठ’ की स्थापना के लिए उल्लेखनीय।
विजय देव नारायण साही
समादृत कवि-आलोचक। ‘जायसी’ शीर्षक आलोचना-पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।
व्योमेश शुक्ल
सुपरिचित कवि-आलोचक और अनुवादक। रंगकर्म में भी सक्रिय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।
गार्गी मिश्र
नई पीढ़ी की कवयित्री। शोध, गद्य-लेखन और अनुवाद-कार्य में भी सक्रिय।
'राम सतसई' के रचयिता। शृंगार की सरस उद्भावना और वाक् चातुर्य के कवि।
विष्णुचंद्र शर्मा
समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। ‘कवि’ पत्रिका के संपादक। ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ शीर्षक पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।
अंबिकादत्त व्यास
'भारतेंदु मंडल' के कवियों में से एक। कविता की भाषा और शिल्प रीतिकालीन। 'काशी कवितावर्धिनी सभा’ द्वारा 'सुकवि' की उपाधि से विभूषित।
अर्जुनदास केडिया
प्राचीन शैली में लिखने वाले आधुनिक कवियों में से एक। अलंकार ग्रंथ 'भारती भूषण' कीर्ति का आधार ग्रंथ।
जगन्नाथदास रत्नाकर
- जन्म : बनारस
ब्रजभाषा के आधुनिक कवि। मर्यादित शृंगार के लिए ख्यात। उद्धव शतक कीर्ति का आधार ग्रंथ। 'जकी' उपनाम से उर्दू में भी शायरी की।
रविशंकर उपाध्याय
नई पीढ़ी के कवि। असमय दिवंगत। एक कविता-संग्रह 'उम्मीद अब भी बाक़ी है' शीर्षक से मरणोपरांत प्रकाशित।
सुधाकर द्विवेदी
मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।
विहाग वैभव
नई पीढ़ी के कवि। दलित-संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।