धीरेंद्र धवल के बेला
ग्लोबल विलेज के शोर में पुरबिया गाँव
यह संस्मरण भूमंडलीय पीढ़ी का देहाती क़िस्सा है। गाँव-देहात को इसलिए नहीं याद कर रहा हूँ कि मेरे पास कुछ कहने के लिए कुछ यादें हैं, बल्कि इसलिए याद कर रहा हूँ कि मेरी पीढ़ी ने बदलावों को इतने तीव्र गति
 
                         
                                            