लेखकों की समस्याएँ : व्यष्टि और समष्टि
व्यष्टि और समष्टि—व्यक्ति और समाज—कहानी लेखन के संदर्भ में एक को हटाकर मैं दूसरे की कल्पना नहीं कर सकता। आदमी जिस क्षण आँख खोलता है, देखने-सुनने लगता है, बाहर होने वाले कार्य-व्यापार को वह अपने मन के आईने पर प्रतिबिंबित करके देखता है। देखने वाला, सुनने