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पाखंड पर उद्धरण

इस चयन में प्रस्तुत

कविताओं का ज़ोर पाखंडों के पर्दाफ़ाश पर है। ये कविताएँ पाखंड को खंड-खंड करने का ज़रूरी उत्तरदायित्व वहन कर रही हैं।

स्त्री का नब्बे प्रतिशत प्रच्छन्न रहता है।

श्री नरेश मेहता

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