मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय
जुलाई 1989। बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। तीन-तीन ज़बरदस्त हार्ट अटैक, एक के बाद एक। एक तो ऐसा कि नब्ज़ बंद, साँस बंद, धड़कन बंद। डॉक्टरों ने घोषित कर दिया कि अब प्राण नहीं रहे। पर डॉक्टर बोर्जेस ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी थी। उन्होंने नौ सौ वॉल्ट्स के