
जीवन के अज्ञात पथ में मनुष्य के साथ मनुष्य का गहरा परिचय कब किस दिन किस माध्यम से कैसे हो जाता यह कोई नहीं जानता।


घोर प्रकाश और घोर अंधकार नेत्रों के लिए जिस प्रकार अदर्शित होते हैं, उसी प्रकार दूसरे इंद्रिय-अनुभव भी हैं।
जीवन के अज्ञात पथ में मनुष्य के साथ मनुष्य का गहरा परिचय कब किस दिन किस माध्यम से कैसे हो जाता यह कोई नहीं जानता।
घोर प्रकाश और घोर अंधकार नेत्रों के लिए जिस प्रकार अदर्शित होते हैं, उसी प्रकार दूसरे इंद्रिय-अनुभव भी हैं।