कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

सुप्रसिद्ध कथाकार। पाँच कहानी-संग्रह प्रकाशित।

समादृत कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।

समादृत आलोचक, निबंधकार, साहित्य-इतिहासकार, कोशकार और अनुवादक। हिंदी साहित्य के इतिहास और आलोचना को व्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिए प्रतिष्ठित।

समादृत कवि-कथाकार-अनुवादक और संपादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

प्रतिष्ठित कहानीकार। तद्भव पत्रिका के संपादक।

यथार्थवादी धारा के समादृत कथाकार। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

समादृत उपन्यासकार-कथाकार। पटकथा-लेखन में भी योगदान। साहित्य अकादेमी-पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कथाकार-पत्रकार। पाँच पुस्तकें प्रकाशित। 'वह भी कोई देस है महराज' अत्यंत लोकप्रिय यात्रा-वृत्तांत।

नई पीढ़ी के कवि। पत्रकारिता से भी जुड़ाव।

सुपरिचित साहित्यकार। समकालीन भारतीय साहित्य पत्रिका के संपादक रहे।

साठोत्तरी पीढ़ी के बाद के सुप्रसिद्ध कथाकार-उपन्यासकार और नाटककार। समकालीन हिंदी साहित्य के मुस्लिम विमर्श में योगदान।

सुपरिचित कथाकार। पत्रकारिता से भी जुड़ाव। पाँच कहानी-संग्रह एवं एक उपन्यास प्रकाशित।

प्रेमचंद युग के उपन्यासकार-कहानीकार-संपादक। ‘मिठाईवाला’ कहानी के लिए चर्चित।

प्रेमचंद युग के समादृत उपन्यासकार-कहानीकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नॉर्वेजियन लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के सुपरिचित कहानीकार-उपन्यासकार। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत उपन्यासकार और कथाकार। ऐतिहासिक प्रसंगों के प्रयोग के लिए उल्लेखनीय।

समादृत कवि-कथाकार और अनुवादक। ‘धर्मयुग’ साप्ताहिक के संपादक के रूप में भी चर्चित।

प्रतिष्ठित कथाकार। अपनी बहुआयामी भाषा के लिए लोकप्रिय। पत्र-पत्रिकाओं के संपादन से भी जुड़ाव।

समादृत कवि-कथाकार और संपादक। महादेवी वर्मा और निराला पर लिखीं अपनी किताबों के लिए भी चर्चित।

आधुनिक हिंदी कविता के अग्रणी कवियों में से एक। अपनी कहानियों और डायरी के लिए भी प्रसिद्ध।

समादृत उपन्यासकार, कथाकार और नाटककार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सातवें दशक की प्रगतिशील धारा के प्रमुख कथाकार। ‘पहल’ पत्रिका के संपादक के रूप में समादृत।

समादृत लेखक-व्यंग्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समानांतर कहानी आंदोलन के प्रमुख कहानीकार। संवेदात्मक कहानियों के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित उपन्यासकार, कहानीकार और निबंधकार। उपन्यासों में मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद के प्रयोग लिए उल्लेखनीय।

मीर तक़ी मीर के समकालीन शायर। गद्य में 'रानी केतकी की कहानी' के लिए उल्लेखित।

समादृत कथाकार। अपने जनवादी कथा-साहित्य के लिए प्रतिष्ठित।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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