साबुन
सुखदेव ने ज़ोर से चिल्ला कर पूछा—'मेरा साबुन कहाँ है?'
श्यामा दूसरे कमरे में थी। साबुनदानी हाथ में लिए लपकी आई, और देवर के पास खड़ी हो कर हौले से बोली—'यह लो।'
सुखदेव ने एक बार अँगुली से साबुन को छू कर देखा, और भँवें चढ़ा कर पूछा—'तुमने लगाया था, क्यों?'
श्यामा