जयशंकर के बेला
कहानी : आकांक्षा
मेरे हाथ में संडे का अख़बार है। मेरे बाजू के स्टूल पर सुबह की पहली चाय का कप। स्मिता भी चाय पी रही है। बरसों पहले फ़्रेम करवायी गई रवींद्रनाथ ठाकुर की यह तस्वीर किताबों की रैक के नीचे टंगी है। रवी बा
07 नवम्बर 2025
कहानी : रिपोर्टर
अक्टूबर आ गया। मौसम करवटें लेने लगा है। प्रभु अपना चश्मा खोज रहे हैं। रात में कहीं रखा गया था। चाय उबलकर देगची से बाहर निकलने लगी। प्रभु ने गैस बंद किया। सुबह-सुबह ही उनके मन में क्या-क्या आने लगा था