मनीषा जोषी के बेला
दक्षिण भारत : कुछ यात्राओं का अंत नहीं होता…
क़रीब तीस साल पहले जब मैं मुंबई में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत थी, तब एक बार सिटी प्रोफ़ाइल करने के वास्ते बैंगलोर (वर्तमान में बेंगलुरु) और मैसूर जाना हुआ था। मुंबई से बैंगलोर की वह फ़्लाइट त
मैं अब हर घर को उल्टा देखना चाहती हूँ
थाइलैंड और कम्बोडिया : घासतेल की बूँदों के साथ तैरता हुआ जीवन सब कुछ तैर रहा था वहाँ, बैंकॉक की तैरती सब्ज़ी-मंडी में। केले के पत्ते, प्याज़ के छिलके, आस-पास के पेड़ों के साए, और नहर के दोनों तरफ़ ब