ज्ञान चंद बागड़ी के बेला
28 जुलाई 2025
तमाशे के पार : हिंदी साहित्य की नई पीढ़ी और एक लेखक की आश्वस्ति
इन दिनों साहित्य की दुनिया किसी मेले की तरह लगती है—शब्दों का मेला नहीं, विवादों और आक्षेपों का मेला। सोशल मीडिया की स्क्रॉलिंग करते हुए रोज़ किसी न किसी ‘साहित्यिक’ विवाद से साबका पड़ता है। लोग द