समुद्र पर पत्र
पृथ्वी के तीन-चौथाई
हिस्से में विशाल जलराशि के रूप में व्याप्त समुद्र प्राचीन समय से ही मानवीय जिज्ञासा और आकर्षण का विषय रहा है, जहाँ सभ्यताओं ने उसे देवत्व तक सौंपा है। इस चयन में समुद्र के विषय पर लिखी कविताओं का संकलन किया गया है।
पिता के पत्र पुत्री के नाम (आदमी कब पैदा हुआ)
मैंने तुम्हें पिछले ख़त में बतलाया था कि पहले दुनिया में बहुत नीचे दर्जे के जानवर पैदा हुए और धीरे-धीरे तरक़्क़ी करते हुए लाखों बरस में उस सूरत में आए जो हम आज देखते हैं। हमें एक बड़ी दिलचस्प और ज़रूरी बात यह भी मालूम हुई कि जानदार हमेशा अपने को आसपास की
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (ज़मीन कैसे बनी)
तुम जानती हो कि ज़मीन सूरज के चारों तरफ़ घूमती है और चाँद ज़मीन के चारों तरफ़ घूमता है। शायद तुम्हें यह भी याद है कि ऐसे और भी कई गोले हैं जो ज़मीन की तरह सूरज का चक्कर लगाते हैं। ये सब, हमारी ज़मीन को मिलाकर, सूरज के ग्रह कहलाते हैं। चाँद ज़मीन का उपग्रह