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पूर्वाग्रह पर बेला

04 जून 2025

जियत न परसिन माँड़ मरे परोसा खाँड़

जियत न परसिन माँड़ मरे परोसा खाँड़

—मुझे पूरा विश्वास है कि प्रभात रंजन शशिभूषण द्विवेदी के जनाज़े में शामिल हुए थे। —आपको कैसे इतना यक़ीन है? —प्रभात रंजन शशिभूषण द्विवेदी के पक्के साहित्यिक मित्र रहे हैं। —उससे क्या होता है?