पिता के पत्र पुत्री के नाम (राजा, मंदिर और पुजारी)
हमने पिछले ख़त में लिखा था कि आदमियों के पाँच दर्जे बन गए। सबसे बड़ी जमाअत मज़दूर और किसानों की थी। किसान ज़मीन जोतते थे और खाने की चीज़ें पैदा करते थे। अगर किसान या और लोग ज़मीन न जोतते और खेती न होती तो या तो अनाज पैदा ही न होता, या होता तो बहुत कम।
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (जानवर कब पैदा हुए)
हम बतला चुके हैं कि शुरू में छोटे-छोटे समुद्री जानवर और पानी में होने वाले पौधे दुनिया की जानदार चीज़ों में थे। वे सिर्फ़ पानी में ही रह सकते थे और अगर किसी वजह से बाहर निकल आते और उन्हें पानी न मिलता तो ज़रूर मर जाते होंगे। जैसे आज भी मछलियाँ सूखे में