पिता पर कवितांश
पारिवारिक इकाई में पिता
एक विशिष्ट भूमिका का निर्वाह करता है और यही कारण है कि जीवन-प्रसंगों की अभिव्यक्ति में वह एक मज़बूत टेक की तरह अपनी उपस्थिति जताता रहता है। यहाँ प्रस्तुत है—पिता विषयक कविताओं का एक विशेष संकलन।
संतान के प्रति
पिता का कर्त्तव्य है—
उसे विद्वानों की सभा में
अग्र स्थान दिलाना