हिंदी का नाट्य साहित्य और उसकी गति
नाटक शब्द नट्−धातु से बना है। ‘नट’ नाच के अर्थ में प्रयुक्त होता है। अंग्रेज़ी में नाटक को ड्रामा कहते हैं। ड्रामा के लिए संस्कृत में नाटक की अपेक्षा ‘रूपक’ शब्द अधिक उपयुक्त है। ड्रामा का मूल शब्द इसी अर्थ का द्योतक है। ड्रामा उन रचनाओं को कहते हैं,
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
मेघदूत में कालिदास का आत्मचरित
काव्य ही कवि का जीवन है। उसी में उसकी आत्मा निवास करती है। यदि हम किसी कवि का वास्तविक रूप देखना चाहते हैं तो हमें उसके काव्यों का अवलोकन करना चाहिए। उनसे हम कवि के जीवन के विषय में कुछ बातें अवश्य जान सकते हैं। कवि का किस पर अनुराग था, किससे घृणा थी,