सांस्कृतिक चेतना
आज जब साहित्य, संस्कृति तथा कला की अंतःशुभ्र सूक्ष्म पुकारे बाह्य जीवन के आडंबर तथा राजनीतिक जीवन के कोलाहल में प्रायः डूब-सी रही है, आप लोगों का इस सांस्कृतिक समारोह में सम्मिलित होना विशेष महत्त्व रखता है। इससे हमें जो आशा, उत्साह, जो स्फूर्ति और प्रेरणा