सवैया
वर्णिक छंद। चार चरण। प्रत्येक चरण में बाईस से लेकर छब्बीस तक वर्ण होते हैं।
-1883
वास्तविक नाम कुंदनलाल। सखी संप्रदाय में दीक्षित होकर ललित किशोरी नाम रखा। कृष्ण-भक्ति से ओत-प्रोत सरस पदों के लिए स्मरणीय।