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नवीन सागर

1948 - 2000 | सागर, मध्य प्रदेश

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार। ’नींद से लंबी रात’, ‘जब ख़ुद नहीं था’ और ‘हर घर से ग़ायब' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार। ’नींद से लंबी रात’, ‘जब ख़ुद नहीं था’ और ‘हर घर से ग़ायब' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

नवीन सागर की संपूर्ण रचनाएँ

कविता 74

उद्धरण 16

हम अपने बारे में इतना कम और इतना अधिक जानते हैं कि प्रेम ही बचता है प्रार्थना की राख में।

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सूरज नहीं चाँद तारे संगीत चित्र भी नहीं कविता से भी सुंदर लगता है मनुष्य।

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अनंत अपनी मृत्यु में रहते हैं इतने धुँधले कि हमारी झलक में बार-बार जन्म लेते हैं संसार!

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ख़ामोशी का जाना भी एक आवाज़ है।

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हत्या का विचार होती हुई हत्या देखने की लालसा में छिपा है।

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