मध्य प्रदेश के रचनाकार

कुल: 145

रीतिसिद्ध कवि। ‘सतसई’ से चर्चित। कल्पना की मधुरता, अलंकार योजना और सुंदर भाव-व्यंजना के लिए स्मरणीय।

आधुनिक हिंदी कविता के अग्रणी कवियों में से एक। अपनी कहानियों और डायरी के लिए भी प्रसिद्ध।

समादृत लेखक-व्यंग्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

केशव

1555 - 1617

भक्तिकाल और रीतिकाल के संधि कवि। काव्यांग निरूपण, उक्ति-वैचित्र्य और अलंकारप्रियता के लिए स्मरणीय। काव्य- संसार में ‘कठिन काव्य के प्रेत’ के रूप में प्रसिद्ध।

समादृत कवि। अपने गांधीवादी विचारों और संवेदना के लिए उल्लेखनीय। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के अत्यंत लोकप्रिय कवि-लेखक-नाटककार। अपनी ग़ज़लों के लिए विशेष चर्चित।

समादृत कथाकार। गद्य की कई विधाओं में सृजनरत। कई पुस्तकें प्रकाशित।

‘नई कहानी’ की स्त्री-त्रयी की समादृत कथाकार। ‘आपका बंटी’ के लिए बहुप्रशंसित।

सुप्रसिद्ध कथाकार। उपन्यास 'सूखा बरगद' के लिए लोकप्रिय। पद्म पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि-कथाकार-अनुवादक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध कवयित्री। 'झाँसी की रानी' कविता के लिए स्मरणीय।

नई पीढ़ी के सुपरिचित कवि, लेखक, अनुवादक और संपादक।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। कविता का एक अलग मुहावरा गढ़ने और काव्य-विषय-वैविध्य के लिए उल्लेखनीय।

हिंदी के समादृत कवि-लेखक। बतौर अनुवादक भी चर्चित। ‘सदानीरा’ पत्रिका के संस्थापक-संपादक।

भारत के दसवें प्रधानमंत्री और हिंदी के लोकप्रिय कवि। भारत रत्न से सम्मानित।

भक्तिकालीन रीति कवि। प्रौढ़ और परिमार्जित काव्य-भाषा और नायिका भेद के लिए प्रसिद्ध।

द्विवेदीयुगीन कवि, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी। पद्मभूषण से सम्मानित।

प्रेमचंद युग के उपन्यासकार-कहानीकार-संपादक। ‘मिठाईवाला’ कहानी के लिए चर्चित।

सातवें दशक के समादृत कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। कुंभनदास के पुत्र और गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य।

सुपरिचित कवि और गद्यकार। 'इसी काया में मोक्ष' और 'इतिहास में अभागे' शीर्षक दो कविता-संग्रह प्रकाशित।

हिंदी के चर्चित कवि-कथाकार और अनुवादक। 'आलाप में गिरह'. 'न्यूनतम मैं', 'ख़ुशियों के गुप्तचर' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

दुर्लभ कवि-आलोचक। दो कविता-संग्रह—'नीली अथाह उक्ति' और 'तपते पंखों के रंग' तथा आलोचना की दो पुस्तकें—'नई कविता में बिंब का वस्तुगत परिप्रेक्ष्य' और 'अंतराल में' प्रकाशित।

हरिवंश के शिष्य और राधावल्लभ संप्रदाय में दीक्षित। ज्ञान, वैराग्य और भक्ति के साथ ही तत्त्व-निरूपण के लिए स्मरणीय।

धीरे-धीरे साहित्यिक परिदृश्य से अदृश्य हुए हिंदी के श्रेष्ठ कवि-कथाकार।

हिंदी के सुपरिचित कवि-लेखक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-गद्यकार और संपादक। भाषिक वैभव और आदिवासी-लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।

कवि, लेखक और पत्रकार। साहित्य-संसार में 'एक भारतीय आत्मा' के नाम से स्मरणीय।

सूफ़ी कवि। राजस्थानी मिश्रित ब्रजभाषा का प्रयोग।

सुपरिचित कवि-लेखक। सात कविता-संग्रह प्रकाशित।

सातवें दशक के कवि। कहन में संक्षिप्तता, स्मृति और कविता-पाठ के लिए उल्लेखनीय।

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार।

नई पीढ़ी से संबद्ध कवि-लेखक और पत्रकार।

नाथ परंपरा के कवि। चर्पटनाथ के शिष्य। असार संसार में लिप्त जीवों की त्रासदी के सजीव वर्णन के लिए स्मरणीय।

सुपरिचित कवि। ‘स्त्री मेरे भीतर’ कविता-संग्रह के लिए विशेष ख्याति।

हिंदी सिनेमा से संबद्ध लोकप्रिय गीतकार-कवि और पटकथा लेखक।

समादृत आलोचक और विचारक। समय-समय पर कथा और कविता-लेखन भी।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

वास्तविक नाम पृथ्वीसिंह। प्रेम की विविध दशाओं और चेष्टाओं के वर्णन पर फ़ारसी शैली का प्रभाव। सरस दोहों के लिए स्मरणीय।

रामानंद के बारह शिष्यों में से एक। जाति-प्रथा के विरोधी। सैन समुदाय के आराध्य।

सुपरिचित कवयित्री। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

छायावाद से संबद्ध कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के समादृत कवि-कथाकार और आलोचक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

लोकप्रिय हिंदी कवि-गीतकार, नाटककार और अभिनेता।

आठवें दशक के महत्वपूर्ण कथाकार। कई पुस्तकें प्रकाशित।

समादृत कवि-कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित हिंदी कवि-कथाकार और विचारक। ‘समास’ पत्रिका के संपादक।

सुपरिचित कहानीकार-अनुवादक। चार कहानी-संग्रह प्रकाशित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। व्यंग्य में भी उल्लेखनीय योगदान।

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