मधुरेश के बेला
सामान्य जीवन-प्रसंगों का कहानीकार
विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यासों वाली अपेक्षाओं के साथ उनकी कहानियाँ पढ़ने पर किसी को भी कुछ निराशा हो सकती है। कहानियाँ वैसे भी उन्होंने अधिक नहीं लिखी हैं। जो लिखी हैं, उनमें न तो मध्यवर्गीय विडंबनाओ
1939 | बरेली, उत्तर प्रदेश
सुपरिचित लेखक। बहैसियत आलोचक, संस्मरणकार और संपादक कई पुस्तकें प्रकाशित।
सुपरिचित लेखक। बहैसियत आलोचक, संस्मरणकार और संपादक कई पुस्तकें प्रकाशित।