आदिकाल

हिंदी साहित्य के इतिहास में अनुमानतः 993 ई. से 1293 ई. के बीच का समय आदिकाल माना गया है। इस युग के कई नामकरण हुए, लेकिन अपने समय की व्यापक पृष्ठभूमि का बोध ‘आदिकाल’ शीर्षक से पूर्णतः संप्रेषित होने के कारण हिंदी साहित्य के आरंभिक दौर के लगभग तीन सौ वर्षों का स्वीकृत नाम आदिकाल है।

भक्त कवि

1380 -1460 मधुबनी

‘मैथिल कोकिल’ के नाम से लोकप्रिय। राधा-कृष्ण की शृंगार-प्रधान लीलाओं के ग्रंथ ‘पदावली’ के लिए स्मरणीय।

अपभ्रंश भाषा के 'वाल्मीकि'। रामकाव्य 'पउमचरिउ' से चर्चित।

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