हिन्दवी ब्लॉग

साहित्य और कला की विभिन्न विधाओं का संसार

मेरे लिए इक तकलीफ़ हूँ मैं

पिछले कुछ महीनों से उसने अपने बाल बढ़ा लिए थे, माथे पर जूड़ा बाँधने लगा था और ख़ुद को ख़ुद ही उष्णीष कहने लगा था। पिछले कुछ समय से वह बीमार हो चला है। उसके चेहरे का हिस्सा ठीक से काम नहीं कर रहा। उसकी एक ...और पढ़िए

आदित्य शुक्ल | 12 सितम्बर 2023

ग्रामदेवता

वह चकरोड पकड़े चले आ रहे। थोड़ा भचककर चल रहे थे। रामजी ने उनको दूर से ही देख लिया था। रामजी कुर्सी के पाए पर अपनी कोहनी धँसाकर मुँह बाए उनको आते देखते रहे। वह जल्दी-जल्दी चल रहे थे। उनकी गर्दन थोड़ी झुक ...और पढ़िए

आदित्य शुक्ल | 12 सितम्बर 2023

जीवन अपने भाग्य के ख़िलाफ़ आमरण अनशन है

14 सितंबर 2022 कल किसी ने व्हाट्सएप पर एक स्टेटस लगा रखा था। किसी की मृत्यु का। बहुत सुंदर चेहरा था। जवान था। मैंने पूछा - कौन हैं भाई? जवाब आया - शाइर थे! मैंने पूछा - आत्महत्या? जवाब आया - हाँ! ...और पढ़िए

मनमीत सोनी | 11 सितम्बर 2023

मुक्तिबोध का दुर्भाग्य

आज 11 सितंबर है—मुक्तिबोध के निधन की तारीख़। इस अर्थ में यह एक त्रासद दिवस है। यह दिन याद दिलाता है कि आधुनिक हिंदी कविता की सबसे प्रखर मेधा की मृत्यु कितनी आसामयिक और दुखद परिस्थिति में हुई। जैसा कि ...और पढ़िए

सुशील सुमन | 11 सितम्बर 2023

अक्टूबर किसी चिड़िया के बिलखने की आवाज़ है

यहाँ तुम नहीं हो। इस जगह सिर्फ़ तुम्हारी संभावनाएँ हैं, बिल्कुल पिघले हुए मोम की तरह, जिसमें न लौ बची है और न पिघलने की उष्णता। बस बची है, तो रात की एक आहट और किसी ओझल क्षण में जलते रहने की याद। क्वार ...और पढ़िए

आदर्श भूषण | 10 सितम्बर 2023

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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