साहित्य और कला की विभिन्न विधाओं का संसार
कभी-कभी मेरे पास कुछ व्यक्तिगत संदेश आ जाते हैं कि भाषा सुधारने में मैं उनकी कुछ मदद करूँ। अनुमान है कि ये संदेश युवाओं से आते होंगे, जिनके पास मुझसे बहुत अधिक ऊर्जा और नई दृष्टि है। मैं क्या जवाब दू ...और पढ़िए
संजय चतुर्वेदी | 17 मई 2023
मैं कभी हीरो नहीं होना चाहता था। मैंने कभी कोई स्वप्न ऐसा नहीं देखा जिसमें मैं छिनी उँगली पर गोवर्धन उठाए खड़ा हूँ और लोग उसकी छाया में मेरी प्रशस्ति में गीत गा रहे हैं। सख़्त चेहरों और रोबीली आँखों से ...और पढ़िए
अनुराग अनंत | 17 मई 2023
सफल कहानी वही है जो पाठकों को याद रह जाए। कहानियों में कथ्य महत्त्वपूर्ण है―भाषा नहीं। मैं जो कहना चाह रहा हूँ, वह आपको ऐसे समझ नहीं आएगा। कहानी कहने के सलीक़े को समझाने के लिए मैं आपको दो नौसिखिया कह ...और पढ़िए
अतुल तिवारी | 17 मई 2023
तवायफ़ मुश्तरीबाई के प्यार में पड़े असग़र हुसैन से उनके दो बेटियाँ हुई—अनवरी और अख़्तरी, जिन्हें प्यार से ज़ोहरा और बिब्बी कहकर बुलाया जाता। बेटियाँ होने के तुरंत बाद ही, असग़र हुसैन ने अपनी दूसरी बीवी, ...और पढ़िए
शुभम् आमेटा | 07 अक्तूबर 2022