हिन्दवी ब्लॉग

साहित्य और कला की विभिन्न विधाओं का संसार

मैं नायकविहीन दुनिया में रहने का स्वप्न देखता हूँ

मैं कभी हीरो नहीं होना चाहता था। मैंने कभी कोई स्वप्न ऐसा नहीं देखा जिसमें मैं छिनी उँगली पर गोवर्धन उठाए खड़ा हूँ और लोग उसकी छाया में मेरी प्रशस्ति में गीत गा रहे हैं। सख़्त चेहरों और रोबीली आँखों से ...और पढ़िए

अनुराग अनंत | 17 मई 2023

सिनॉप्सिस कैसे बनाएँ

शोध-कार्य-क्षेत्र में सक्रिय जनों को प्राय: ‘सिनॉप्सिस कैसे बनाएँ’ इस समस्या से साक्षात्कार करना पड़ता है। यहाँ प्रस्तुत हैं इसके समाधान के रूप में कुछ बिंदु, कुछ सुझाव : • आप 2400-2500 शब्दों का ए ...और पढ़िए

रमाशंकर सिंह | 17 मई 2023

स्मृति-छाया के बीच करुणा का विस्तार

पूर्वकथन किसी फ़िल्म को देख अगर लिखने की तलब लगे तो मैं अमूमन उसे देखने के लगभग एक-दो दिन के भीतर ही उस पर लिख देती हूँ। जी हाँ! तलब!! पसंद वाले अधिकतर काम तलब से ही तो होते हैं। लेकिन ‘लेबर डे’ क ...और पढ़िए

सुदीप्ति | 17 मई 2023

एक लेखक को किन चीज़ों से बचना चाहिए?

एक लेखक को इन चीज़ों से बचना चाहिए : • सूक्तियों से—सूक्तियाँ बहुत चमकीली होती हैं, लेकिन वे अक्सर अर्द्धसत्यों से बनती हैं; उनके पीछे इच्छा ज़्यादा होती है, अनुभव कम। • सामान्यीकरणों से—सामान् ...और पढ़िए

प्रियदर्शन | 17 मई 2023

वह आवाज़ हर रात लौटती है

तवायफ़ मुश्तरीबाई के प्यार में पड़े असग़र हुसैन से उनके दो बेटियाँ हुई—अनवरी और अख़्तरी, जिन्हें प्यार से ज़ोहरा और बिब्बी कहकर बुलाया जाता। बेटियाँ होने के तुरंत बाद ही, असग़र हुसैन ने अपनी दूसरी बीवी, ...और पढ़िए

शुभम् आमेटा | 07 अक्तूबर 2022

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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