सहरसा के रचनाकार

कुल: 8

अकविता दौर के कवि-कथाकार और अनुवादक। जोखिमों से भरा बीहड़ जीवन जीने के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि और गद्यकार।

नई पीढ़ी की लेखिका। पत्रकारिता से भी संबद्ध। दो उपन्यास प्रकाशित।

सुपरिचित कवि-लेखक। जन संस्कृति मंच से संबद्ध। 'अस्वीकार से बनी काया' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के हिंदी-मैथिली कवि-लेखक। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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