बिहार के रचनाकार

कुल: 27

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और कथाकार। अपने जनवादी विचारों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि और निबंधकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

वज्रयानी सिद्ध। हिंदी के प्रथम कवि। सरह, सरहपाद, शरहस्तपाद, सरोजवज्र जैसे नामों से भी चर्चित।

समादृत कवि। ‘गोली दाग़ो पोस्टर’, ‘भागी हुई लड़कियाँ’ और ‘सफ़ेद रात’ सरीखी कविताओं के लिए लोकप्रिय।

समादृत कथाकार। कुछ कविताएँ भी लिखीं। समाजवादी और आंचलिक संवेदना के लिए उल्लेखनीय। पद्मश्री से सम्मानित।

अकविता दौर के कवि-कथाकार और अनुवादक। जोखिमों से भरा बीहड़ जीवन जीने के लिए उल्लेखनीय।

नवें दशक की कवयित्री। भाषिक सादगी और विषय-चयन के लिए उल्लेखनीय।

रीतिकालीन कवि। शृंगार और वीर रस की कविताओं में निष्णात। 'हम्मीर हठ' कीर्ति का आधार ग्रंथ।

मुक्ति पंथ के प्रवर्तक। स्वयं को कबीर का अवतार घोषित करने वाले निर्गुण संत-कवि।

इस सदी में सामने आए हिंदी कवि-अनुवादक। कुछ कहानियाँ भी लिखीं। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-लेखक-अनुवादक और नाटककार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि। आदिवासी संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

अत्यंत सक्रिय छात्र नेता और अध्येता। जेएनयू से पढ़ाई। 1997 को बिहार बंद के समर्थन में सिवान शहर के जे.पी. चौराहे पर सभा करते हुए अपराधियों की गोली से शहीद हुए। चंदू के नाम से लोकप्रिय।

पेशे से पत्रकार, होम्योपैथ और मूलत: कवि। छह कविता-संग्रह प्रकाशित।

समादृत कवि-आलोचक। ‘नकेनवाद’ आंदोलन के तीन सूत्रधारों में से एक।

सुपरिचित कवि-लेखक। जन संस्कृति मंच से संबद्ध। 'अस्वीकार से बनी काया' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

सुपरिचित कवि।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि। गद्य-लेखन और फ़ोटोग्राफ़ी में भी सक्रिय।

रसिक भक्त कवि। रामकथा वाचक और भक्तमाल के टीकाकार।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

नवें दशक के कवि। जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।

भारतेंदुयुगीन कवि, नाटककार, संपादक और अनुवादक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। रंगमंच और सिनेमा में बतौर अभिनेता सक्रिय।

दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय कवि-कथाकार।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए