आम पर बेला
अपने रूप, गंध, स्वाद
के कारण आम को फलों का राजा कहा जाता है और इन्हीं कारणों से प्राचीन काल से ही यह काव्य में अपनी उपस्थिति जताता रहा है।
बज़्म-ए-आम : स्वाद, स्मृति और संगीत में रचा-बसा आम का जश्न
साहित्य-संस्कृति को समर्पित रचनात्मक पहल कशकोल कलेक्टिव शनिवार 14 जून 2025 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के फ़ाउंटेन लॉन में
12 नवम्बर 2024
ज़िंदगी से ग़ायब आमों की महक
बारिश में पेड़ से टपका आम गद्द से ज़मीन में धँस जाए, आगे-पीछे मिट्टी में लिपटे हम, मिट्टी में छिपे आम को खोजने में मिट्ट