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गजानन माधव मुक्तिबोध के उद्धरण

सौंदर्यानुभूति उच्चतर स्तर पर; जीवन उदात्त स्तर पर जीवनानुभूति का ही एक रूप है, जीवनानुभवों का ही वह एक कल्पनोद्भासित पुनःअनुभव है।