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श्यामसुंदर दास के उद्धरण

प्रत्येक कलाकार अपनी रूचि अथवा शक्ति के अनुसार, सत तथा असत की धारणाएँ रखता है। जिन्हें वह अपनी कलाकृति में प्रकट करना चाहे तो प्रकट कर सकता है, पर इसके लिए वह बाध्य नहीं है।