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महात्मा गांधी के उद्धरण

काल हम सबको अपने मुख में रखे है, और नचा रहा है। जीवन डोरी कच्चे सूत से भी कच्ची है, थोड़े दिन में दुनिया से मिट जाना है तब कर्त्तव्य से क्यों भ्रष्ट हों, क्यों काम, क्रोध में जीवन गँवा दें?

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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