किसी भाषा के शब्दों को अपना लेने में शर्म की कोई बात नहीं है। शर्म तो तब है, जब हम अपनी भाषा के प्रचलित शब्दों को न जानने के कारण दूसरी भाषा के शब्दों का प्रयोग करें। जैसे घर शब्द को भुलाकर 'हाउस' कहें, माता को 'मदर' कहें, पिता को 'फादर' कहें, पति को 'हसबैंड' और पत्नी को 'वाइफ़' कहें।