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गजानन माधव मुक्तिबोध के उद्धरण

जीवन के विविध क्षेत्रों का और अनेकानेक मानव-प्रसंगों का, जितना अनुभव प्रसादजी को था—उतना पंतजी को प्राप्त नहीं हो सका।