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जैनेंद्र कुमार

1905 - 1988

प्रेमचंदोत्तर युग के समादृत कथाकार, उपन्यासकार और निबंधकार। गद्य में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक।

प्रेमचंदोत्तर युग के समादृत कथाकार, उपन्यासकार और निबंधकार। गद्य में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक।

जैनेंद्र कुमार की संपूर्ण रचनाएँ

पुस्तकें 5

 

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