एलिस मुनरो के बेला
एलिस मुनरो की कहानी से
मेरी माँ मेरे लिए एक पोशाक बना रही थी। पूरे नवंबर के महीने में जब मैं स्कूल से आती तो माँ को रसोईघर में ही पाती। वह कटे हुए लाल मख़मली कपड़ों और टिश्यू पेपर डिज़ाइन की कतरनों के बीच घिरी हुई नज़र आत
1931 - 2024 | विंगहैम
समादृत कनाडाई कथाकार-साहित्यकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।
समादृत कनाडाई कथाकार-साहित्यकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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