पद
पद छंद की ही एक विधा है। छंदों में मात्राओं या वर्णों की संख्या या क्रम निश्चित होते हैं, जबकि पद वर्णों या मात्राओं की गणना से मुक्त होता है। तुकांतता के निर्वाह से पद गेय होते हैं, इसलिए प्राचीन कवियों ने पदों पर शीर्षक के रूप में प्रायः रागों के नाम ही दिए हैं। पदों की परंपरा हिंदी साहित्य में विद्यापति से शुरू हुई जो भक्तिकाव्य से होती हुई छायावाद में महादेवी वर्मा तक निर्बाध चलती रही।
नवें दशक के महत्त्वपूर्ण कवि। अपने काव्य-वैविध्य और लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।
भक्तिकाल से संबद्ध। राधाकृष्ण के उपासक। गौड़ीय संप्रदाय के महत्वपूर्ण कवियों में से एक।
कृष्ण-भक्ति शाखा से संबद्ध। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य।
कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। कुंभनदास के पुत्र और गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य।
'राधावल्लभ संप्रदाय' से संबंधित। भाव-वैचित्र्य और काव्य-प्रौढ़ता के लिए विख्यात।
रीतिकाल के अंतिम वर्षों में सक्रिय कवयित्री। भक्ति, नीति और शृंगार कविता के वर्ण्य-विषय।
मारवाड़ के राजा और रीतिकालीन कवि आचार्य। अलंकार निरूपण ग्रंथ 'भाषा भूषण' से हिंदी-संसार में प्रतिष्ठित।
कृष्ण-भक्ति के संत कवि। सुकोमल भाषा और विलक्षण भाव-वर्णन के लिए स्मरणीय।
नाथ परंपरा के कवि। चर्पटनाथ के शिष्य। असार संसार में लिप्त जीवों की त्रासदी के सजीव वर्णन के लिए स्मरणीय।
जोधपुर की महारानी। परिजनों की अकालमृत्यु के कारण असार संसार से विरक्त होकर कृष्ण-भक्ति में लीन हुईं और भक्ति के सरस पदों की रचना की।
गोस्वामी वल्लभदास के शिष्य। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। माधुर्य भाव की भक्ति के लिए स्मरणीय कवि और गायक।
भारतेंदु युग के सुपरिचित लेखक। इनका स्मरण हिंदी साहित्य के प्रथम उत्थान का स्मरण है।
भक्तिकालीन कवि और गद्यकार। हिंदी की पहली आत्मकथा 'अर्द्धकथानक' के लिए स्मरणीय।
भारतेंदुयुगीन रचनाकार। 'हिंदुस्तान', 'भारत प्रताप' और 'भारतमित्र' आदि पत्र-पत्रिकाओं के संपादक। 'शिवशंभू का चिट्ठा' व्यंग्य रचना कीर्ति का आधार।
आदिग्रंथ को सबसे पहले इन्होंने लिपिबद्ध किया। संस्कृत, ब्रजी, पंजाबी और फ़ारसी के ज्ञाता। इनके द्वारा हिंदी भाषा में रचित कवित-सवैयों को गुरु अर्जुनदेव ने 'गुरुबानी की कुंजी' कहा है।
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।